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कहानी

मित्र की शिक्षा मानो - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Mitra ki siksha mano - Panchtantra - Vishnu Sharma

एक बार मन्थरक नाम के जुलाहे के सब उपकरण, जो कपड़ा बुनने के काम आते थे, टूट गये। उपकरणों को फिर बनाने के लिये लकड़ी की जरुरत थी। लकड़ी काटने की कुल्हाड़ी लेकर वह समुद्रतट पर स्थित वन

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विष्णु शर्मा

11-10-2023

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वैज्ञानिक मूर्ख - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Vaigyanik Moorakh - Panchtantra - Vishnu Sharma

एक नगर में चार मित्र रहते थे। उनमें से तीन बड़े वैज्ञानिक थे, किंतु बुद्धिरहित थे; चौथा वैज्ञानिक नहीं था, किंतु बुद्धिमान था। चारों ने सोचा कि विद्या का लाभ तभी हो सकता है, यदि वे विदेशों

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11-10-2023

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शेखचिल्ली न बनो - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Shekhchlli na bano - Panchtantra - Vishnu Sharma

एक नगर में कोई कंजूस ब्राह्मण रहता था। उसने भिक्षा से प्राप्त सत्तुओं में से थोड़े से खाकर शेष से एक घड़ा भर लिया था। उस घड़े को उसने रस्सी से बांधकर खूंटी पर लटका दिया और उसके नीचे

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11-10-2023

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संगीतविशारद गधा - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Sangeetvisharad Gadha - Panchtantra - Vishnu Sharma

एक गांव में उद्धत नाम का गधा रहता था। दिन में धोबी का भार ढोने के बाद रात को वह स्वेच्छा से खेतों में घूमा करता था। सुबह होनो पर वह स्वयं धोबी के पास आ जाता था। रात को खेतों में घूमते

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11-10-2023

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पञ्चम तंत्र - अपरीक्षितकारकम् - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Pauncham Tantra - Apreekshitkarkam - Panchtantra - Vishnu Sharma

दक्षिण प्रदेश के एक प्रसिद्ध नगर पाटलिपुत्र में मणिभद्र नाम का एक धनिक महाजन रहता था। लोक-सेवा और धर्मकार्यों में रत रहने से उसके धन-संचय में कुछ कमी आ गई, समाज में मान घट गया। इससे

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11-10-2023

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मिलकर काम करो - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Milkar kaam karo - Panchtantra - Vishnu Sharma

एक तालाब में भारण्ड नाम का एक विचित्र पक्षी रहता था। इसके मुख दो थे, किन्तु पेट एक ही था। एक दिन समुद्र के किनारे घूमते हुए उसे एक अमृतसमान मधुर फल मिला। यह फल समुद्र की लहरों ने

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11-10-2023

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मार्ग का साथी - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Marg ka sathi - Panchtantra - Vishnu Sharma

एक दिन ब्रह्मदत्त नाम का एक ब्राह्मण अपने गांव से प्रस्थान करने लगा। उसकी माता ने कहा- “पुत्र! कोई न कोई साथी रास्ते के लिये खोज लो। अकेले यात्रा नहीं करनी चाहिये।” ब्रह्मदत्त ने उत्तर दिया- “डरो मत मां! इस मार्ग

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11-10-2023

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लोभ बुद्धि पर परदा डाल देता है - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Lobh buddhi par parda dal deta hai - Panchtantra - Vishnu Sharma

एक नगर के राजा चन्द्र के पुत्रों को बन्दरों से खेलने का व्यसन था। बन्दरों का सरदार भी बड़ा चतुर था। वह सब बन्दरों को नीतिशास्त्र पढ़ाया करता था। सब बन्दर उसकी आज्ञा का पालन करते थे। राजपुत्र भी उन बन्दरों

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10-10-2023

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लालच बुरी बला है - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Lalach buri bla hai - Panchtantra - Vishnu Sharma

एक नगर में चार ब्राह्मण पुत्र रहते थे। चारों में गहरी मैत्री थी। चारों ही निर्धन थे। निर्धनता को दूर करने के लिए चारों चिंतित थे। उन्होंने अनुभव कर लिया था कि अपने बंधु-बांधवों में धनहीन जीवन व्यतीत करने की

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10-10-2023

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एकबुद्धि की कथा - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Ekbuddhi ki katha - Panchtantra - Vishnu Sharma

एक तालाब में दो मछलियाँ रहती थीं। एक थी शतबुद्धि (सौ बुद्धियों वाली), दूसरी थी सहस्त्रबुद्धि (हजार बुद्धियों वाली)। उसी तालाब में एक मेंढक भी रहता था। उसका नाम था एकबुद्धि। उसके पास एक ही

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10-10-2023

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जिज्ञासु बनो - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Jigyashu Bano - Panchtantra - Vishnu Sharma

किसी जंगली प्रदेश में चंडकर्मा नाम का एक राक्षस रहता था। जंगल में घूमते-घूमते उसके हाथ एक दिन एक ब्राह्मण आ गया। वह राक्षस ब्राह्मण के कंधे पर बैछ गया। ब्राह्मण

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10-10-2023

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बिना विचारे जो करे - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Bina vichare jo kare - Panchtantra - Vishnu Sharma

एक बार देवशर्मा नाम के ब्राह्मण के घर जिस दिन पुत्र का जन्म हुआ उसी दिन उसके घर में रहने वाली नकुली ने भी एक नेवले को जन्म दिया। देवशर्मा की पत्‍नी बहुत दयालु स्वभाव की स्त्री थी। उसने उस छोटे

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10-10-2023

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चार मूर्ख पंडित - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Char Moorakh Pandit - Panchtantra - Vishnu Sharma

एक स्थान पर चार ब्राह्मण रहते थे। चारों विद्याभ्यास के लिये कान्यकुब्ज गये। निरन्तर १२ वर्ष तक विद्या पढ़ने के बाद वे सम्पूर्ण शास्त्रों के पारंगत विद्वान हो गये,

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10-10-2023

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भय का भूत - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Bhay ka Bhoot - Panchtantra - Vishnu Sharma

एक नगर में भद्रसेन नाम का राजा रहता था। उसकी कन्या रत्‍नवती बहुत रूपवती थी। उसे हर समय यही डर रहता था कि कोई राक्षस उसका अपहरण न करले। उसके महल के चारों ओर पहरा रहता था, फिर

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10-10-2023

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अंधा, कुबड़ा और विकृत शरीर - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Andha, Kubda aur Vikrat Sharir - Panchtantra - Vishnu Sharma

उत्तरी प्रदेश में मधुपुर नाम का एक नगर है। वहाँ मधुसेन नाम का एक राजा था। विषय सुख भोगने वाले उस राजा मधुसेन के घर एक तीन स्तनों वाली कन्या ने जन्म लिया। तीन स्तनों वाली कन्या की उत्पत्ति

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10-10-2023

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उड़ती के पीछे भागना - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Udti ke pichhe bhagna - Panchtantra - Vishnu Sharma

एक स्थान पर तिक्ष्णविषाण नाम का बैल रहा था। बहुत उन्मत्त होने के कारण उसे किसान ने छोड़ दिया था। अपने साथी बैलों से भी छूटकर वह जंगल में ही मतवाले हाथी की तरह बे रोक-टोक

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21-03-2023

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द्वितीय तंत्र - मित्रसंप्राप्ति - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Dvitya tantra - Mitrasamprapti - Panchtantra - Vishnu Sharma

दक्षिण देश के एक प्रांत में महिलारोप्य नाम का एक नगर था। वहाँ एक विशाल वटवृक्ष की शाखाओं पर लघुपतनक नाम का कौवा रहता था। एक दिन वह अपने आहार की चिंता में शहर की ओर

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21-03-2023

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कर्महीन नर पावत नाहिं - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Karmheen nar pavat naahin - Panchtantra - Vishnu Sharma

दक्षिण देश के एक प्रान्त में महिलारोप्य नामक नगर से थोड़ी दूर महादेव जीका मंदिर था। वहाँ ताम्रचूड़ नाम का भिक्षु रहता था। वह नगर से भिक्षा माँगकर भोजन कर लेता था और

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21-03-2023

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बिना कारण कार्य नहीं - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Bina karan kerya nahi - Panchtantra - Vishnu Sharma

एक बार मैं चौमासे में एक ब्राह्मण के घर गया था। वहाँ रहते हुए एक दिन मैंने सुना कि ब्राह्मण और ब्राह्मण-पत्नी में यह बात हो रही थी- ब्राह्मण- "कल सुबह कर्क-संक्रान्ति

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21-03-2023

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धन सब क्लेशों की जड़ है - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Dhan sab kleshon ki jad - Panchtantra - Vishnu Sharma

दक्षिण देश के एक प्रान्त में महिलारोप्य नामक नगर से थोड़ी दूर महादेव जीका मंदिर था। वहाँ ताम्रचूड़ नाम का भिक्षु रहता था। वह नगर से भिक्षा माँगकर भोजन कर लेता था

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21-03-2023

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अति लोभ नाश का मूल - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Ati lobh nash ka mool - Panchtantra - Vishnu Sharma

एक दिन एक शिकारी शिकार की खोज में जंगल की ओर गया । जाते-जाते उसे वन में काले अंजन के पहाड़ जैसा काला बड़ा सूअर दिखाई दिया । उसे देखकर उसने अपने धनुष की

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21-03-2023

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बगुला भगत - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Bagula Bhagat - Panchtantra - Vishnu Sharma

एक जंगल में बहुत-सी मछलियों से भरा एक तालाब था। एक बगुला वहाँ प्रति-दिन मछलियों को खाने के लिये आता था, किन्तु वृद्ध होने के कारण मछलियों को पकड़ नहीं पाता था। इस तरह भूख से व्याकुल हुआ-हुआ वह

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विष्णु शर्मा

02-03-2023

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कथामुख- पंचतंत्र की कहानियाँ - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Kathamukh - Panchtantra ki kahaniyan - Panchtantra - Vishnu Sharma

दक्षिण देश के एक प्रांत में महिलारोप्य नाम का नगर था। वहाँ एक महादानी, प्रतापी राजा अमरशक्ति रहता था। उसके पास अन्नत धन था; रत्नों की अपार राशि थी; किंतु उसके पुत्र बिल्कुल जड़बुद्धि थे। तीनों पुत्रों-

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विष्णु शर्मा

01-03-2023

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अक्ल बड़ी या भैंस - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Akal badi ya Bhais - Panchtantra - Vishnu Sharma

एक स्थान पर वटवृक्ष की एक बड़ी खोल में कौवा-कौवी रहते थे। उसी खोल के पास एक काला सांप भी रहता था। वह सांप कौवी के नन्हे-नन्हे बच्चों को उनके पंख निकलने से पहिले ही खा जाता था। दोनों इससे

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विष्णु शर्मा

28-02-2023

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अनधिकार चेष्टा - पंचतंत्र - विष्णु शर्मा | Andhikar cheshta - Panchtantra - Vishnu Sharma

एक गाँव के पास, जंगल की सीमा पर, मन्दिर बन रहा था। वहाँ के कारीगर दोपहर के समय भोजन के लिए गाँव में आ जाते थे। एक दिन जब वे गाँव में आए हुए थे तो बन्दरों का एक दल इधर-उधर घूमता हुआ वहीं आ

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विष्णु शर्मा

28-02-2023
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